दशहरे के दिन रावण का पुतला क्यों जलाते हैं? क्या हैं इस रहस्यमय कहानी के पीछे जाने।

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Dussehra 2023 : विजयादशमी 2023 प्रत्येक वर्ष दशहरे के दिन पूरे देश रावण का पुतला दहन किया जाता हैं लेकिन इसके पीछे क्या रहस्य छिपा है इसकी मुख्य वजह क्या हो सकती हैं आपके मन में भी हर साल दशहरे के दिन आपको ऐसा प्रश्न आया होगा कि रावण के पुतले को क्यों जलाया जाता है?  इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे इससे जुड़ी हर वह जानकारी जो आपके मन में चल रही होगी। आइए जानते हैं कि रावण का पुतला क्यों जलाते हैं? वैसे तो कहा जाता हैं कि बुराई कितनी भी गहराई क्यों ना हो लेकिन जीत केवल अच्छाई ही ले जाती हैं।.

बहुत शक्तिशाली और महाज्ञानी था। रावण

ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय के अनुसार सोने की लंका का सम्राट कहे जाने वाले रावण तपस्वी, महाज्ञानि, महाशक्तिशाली, प्रकांड विद्वान और राजधर्म ज्ञाता था। इसलिए कहा जाता हैं कि राम ने लक्ष्मण को रावण के पास मृत्यु-शैय्या राजधर्म जानने के लिए भेजा था। यही नहीं रावण के पास कोई मामूलीसत्ता नही थी साथ ही ज्योतिषाचार्य के अनुसार रावण के 10 सिर थे जिसे माना जाता है कि रावण 10 दिशाओं पर नियंत्रण रखा सकता था। रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल था। इसी लिए विजयदशमी के नाम से जाना जाता हैं  इसलिए विजय पर्व मनाई जाती हैं।


रावण का पुतला क्यों जलाते हैं?

दशहरे के दिन हर साल रावण का पुतला दहन किया जाता हैं हालांकि इसे कोई जगह और जाती के लोग भगवान मानते हैं और पूजा करते हैं और इसका दहन नही किया जाता हैं जब भगवान राम ने शक्तिशाली रावण की मृत्यु कर विजय प्राप्त की थी उसी दिन पूरे देश में खुशियां मनाई गई जिससे जिसे परंपरागत इसे दशहरे के रूप में मनाए जाते आ रहे हैं इस दिन नवरात्री की देवी का विसर्जन भी क्या जाता है। अब सवाल ये उठता है रावण के पुतले को क्यों जलाया जाता है? 


रावण को अपनी ताकत और शक्तिशाली होने का बहुत अहंकार था। रावण एक विश्व विजेता बनाना चाहता था। इसलिए उन्होंने ब्रह्मा की तपस्या कर यह वरदान मांगा की वह हमेशा अमर हो जाए लेकिन ब्रह्मा ने यह कहते हुए इनकार कर देते हैं कि मृत्यु तो तय हैं इसे कोई नही टाल सकता,  इसके बाद रावण ने यह कहा की मेरी मृत्यु मानव और वानर से होना चाहिए। रावण को इतना शक्तिशाली होने का इतना घमंड था कि वह कहता है कि मेरी शक्ति से तो देवता तक डरते हैं लेकिन इसकी यह अहंकार उसकी मृत्यु का कारण बन गई। जिस दिन रावण पर भगवान राम ने विजय प्राप्त उसी खुशी में दशहरा मानना शुरू हुआ और इसी खुशी में बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए रावण का पुतला पूरे भारत में दहन किया जाता हैं। कहा जाता है रावण जैसे राक्षस को मारने के लिए स्वयं भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर सामान्य मानव के रूप में जन्म लिए थे। 


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Aarav

हैलो दोस्तों मेरा नाम है आरव और में इस वेबसाइट पर एमपी न्यूज़ और कृषि क्षेत्र से जुड़ी जानकारी से रिलीटेट आर्टिकल लिखता हूं। और मुझे इन क्षेत्र में रुचि है

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